कोरोना के भय और तनाव से कैसे बचें

कोरोना महामारी और संकट से 2020 में पूरा विश्व जूझ रहा है और कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन और उपचार ढूंढने में जुटा हुआ है। इस महामारी ने पूरे विश्व को लॉकडाउन की अवस्था में ला कर खड़ा कर दिया है और हमारी प्रगति और अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बड़ा संकट मंडरा रहा है, ऐसे में ये कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा की जितने लोग इस संक्रमण से प्रभावित होकर बीमारी से लड़ेंगे, उससे कहीं ज्यादा लोग इसके कारण उत्पन्न हुए डर और संकट से अपनी जान गवाएंगे। कोरोना वायरस उतना जानलेवा नहीं है जितना कि इसके डर से आपको नुकसान हो सकता है। इस बीमारी से लड़ने के लिए जब तक कोई वैक्सीन नहीं आ जाती, हमारे अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही हमारे लिए उपचार और बचाव का काम करेगी। जब हम तनाव, डर या चिंता में रहेंगे तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में जरुरी है की हम सकारात्मक सोच के साथ उत्पन्न हुई समस्याओं का सामना करें, पर कैसे ? जितना आसान ये बोलना या सुनना लगता है उतना आसान नहीं है।

सकारात्मक रहने के लिए क्या करें?

  • बार बार समाचार और मीडिया की न्यूज़ देख कर खुद के लिए एक ऐसा परिवेश ना बनाये कि आपको कोरोना एक अकेली सबसे बड़ी समस्या के रूप में दिखना शुरू हो जाए। कोरोना का इलाज या वैक्सीन चाहे ना हो पर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इससे लड़ने में बहुत हद तक सहायक सिद्ध हो सकती है। इसलिए कोशिश करके खान-पान पर ध्यान दें और अपने आप को मानसिक रूप से संतुलित रखें।
  • धर्म, राजनीति और किसी समुदाय को आहत करने वाले पोस्ट इत्यादि ना डालें क्योंकि इस से हम ना खुद के लिए कोई लाभ कर रहे हैं ना ही किसी दुसरे के लिए, हो सकता है ये बस हमारे विचार हो, पर अपने विचार अपने तक ही रखें, सोशल मीडिया को लड़ाई का अखाडा ना बनाये।
  • कोरोना एक से दुसरे ब्यक्ति को संपर्क से संक्रमित होता है, इसलिए अभी इसके बचाव और फैलने को रोकने का सबसे उचित उपाय सोशल डिस्टन्सिंग और लॉकडाउन ही है, इसलिए घर पर रहे और स्वस्थ रहे। जब तक आवश्यक ना हो बहार ना जाए, और ऐसा करना भी पड़ता है तो सोशल डिस्टन्सिंग रखें और मास्क का प्रयोग करें।
  • आर्थिक समस्याओं से लड़ना और कोरोना के डर में रहने के कारण हो सकता है आपके आस पास कोई ऐसा हो जो तनाव में आ कर आतमहत्या जैसा कदम भी उठा ले, ऐसे में कोशिश कर के फ़ोन, सोशल मीडिया या व्हाट्सप्प से आप जिन लोगों के संपर्क में हैं, उनको जैसे ही नकारात्मक या तनाव की अवस्था में देखें, उनकी मदद जरूर करें और पॉजिटिव रहने के लिए प्रेरित करते रहे। किसी के जीवन से ज्यादा मूल्यवान कुछ भी नहीं होता, आपका ऐसा कदम हो सकता है आतमहत्या रोकथाम में सहायक हो और किसी की जिंदगी बचा सके।
  • अगर आपको कहीं ये लग रहा हो की काम नहीं है, पैसा नहीं है, कहा से सब होगा या किसी निकट सम्बन्धी / दोस्त को कोरोना हो और आप इस बात से तनाव में आ रहे हैं या किसी को ऐसे हाल में पाते हैं तो यकीन मानिये, मनुष्य के पास मेहनत और मस्तिष्क दो ऐसी चीज हैं जिस से वो किसी भी समस्या और संकट से लड़ कर जीत सकता है, पॉजिटिव रहे और बस ठीक समय-चक्र के घूमने का इन्तजार करें, जब समय वो नहीं रहा तो ये कैसे रहेगा, ये याद रखें
  • खुद को  व्यस्थ रहे, हो सके तो कुछ नया सीखने में या कुछ नया करने में। और नहीं तो फिर कम से कम अपने पसंद के काम में खुद को व्यस्थ करें, जिनमे आपकी रुचि हो, जैसे चित्रकला, बागवानी, कुछ खाने का नया नया बनाना, गाना गाना, डांस या कुछ भी।
  • जीवन मूल्यवान होने के साथ साथ सिर्फ आपका अपना नहीं है, खुद के साथ अपने प्रियजनों और उन लोगों के बारे में सोच कर पॉजिटिव रहे कि आपका जीवन आपके साथ साथ और लोगों के लिए भी मूल्यबान है।

घर पर रहे | स्वस्थ रहे और लोगों की मदद करते रहे

कोरोना संकट में यथासंभव मदद के प्रयास और लोगों की मदद करने के साथ साथ जो भी हमारी संस्था से जुड़ कर आगे पर्यावरण, तनाव नियंत्रण, आत्महत्या रोकथाम और कोरोना संकट में मदद करने और समाज सेवा में हमारे साथ जुड़ कर | मिल कर काम करना चाहते हो, संपर्क करें
कोमल चौहान (अध्यक्ष, एस्प्कॉम ऐक्सिल फाउंडेशन)
Whatsapp +91-9821181340



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